How to start hydroponic farming in india hindi ? क्या और कैसे होता है हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) खेती? क्यों नहीं पड़ती इसमें मिट्टी और ज्यादा पानी की जरूरत?



दुनिया भर में शहरों का विस्तार तेज होने से अर्बन फार्मिंग का चलन बढ़ता जा रहा है। छतों पर, पार्किंग में या फिर कहीं भी उपलब्ध सीमित जगह का इस्तेमाल अब सब्जियों की खेती में किया जा रहा है। ऐसा एक खास तकनीक के इस्तेमाल से संभव होता है। इसमें सिर्फ 200 वर्ग फुट जैसी छोटी जगह पर सब्जियां उगाई जा सकती हैं। जानकारी, सही सलाह से लगभग 1 लाख रुपए का वन टाइम खर्च से आप घर बैठे सालाना 2 लाख रुपए तक की सब्जियां उगा सकते हैं।


क्या होता है हाइड्रोपेनिक्स What is Hydroponic


पानी में की जाने वाली खेती को हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) कहते हैं। दूसरे शब्दों में जिस खेती में मिट्टी की जरूरत नहीं होती है और जिसे पानी में उगाया जा सकता है, उसे हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) खेती कहते हैं।


बिना मिट्टी के होगी फार्मिंग  Soil less Farming


इस तकनीक की खास बात यह है कि इसमें मिट्टी का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं होता है। इससे पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को पानी के सहारे सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है। तकनीक की भाषा में इसे हाइड्रपानिक्स कहा जाता है।


क्या है हाइड्रोपोनिक खेती। WHAT IS HYDROPONIC FARMING ?


फसल उगाने की इस तकनीक में मिट्टी की जगह पानी ले लेता है. इसके अलावा इसमें पानी का भी उतना ही इस्तेमाल किया जाता है, जितनी फसल को जरूरत हो. पानी की सही मात्रा और सूरज के प्रकाश से पौधे अपना विकास करते हैं. इसमें अलग-अलग चैनल बना कर पोषक तत्त्वों युक्त पानी पौधों तक पहुंचाया जाता है.



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हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) खेती कैसे की जाती है  hydroponic kheti kaise kare


इस तकनीक में फसल के लिए पानी का स्तर उतना ही रखा जाता है जितना फसल को जरूरी होता है। इसमें पानी की सही मात्रा और सूरज की रोशनी से पौधे के पर्याप्त पौषक तत्व मिल जाते हैं।

हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) खेती में मिट्टी की जगह पानी ले लेता है, लेकिन पानी ऐसा होना चाहिए जिसमें मिट्टी वाले पोषक तत्व हो। जैसे कि खारा पानी नहीं होना चाहिए। 

* पोषक तत्वों को रखने के लिए एक पोषण टैंक चाहिए होता है
* पोषक तत्वों को पौधों तक भेजने के लिए एक पंप
* पौधों की जड़ों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पोषक तत्व
* एक चैनल जिससे पोषक तत्व को पौधो तक भेजा जा सके बचे हुए पोषक तत्व दोबारा टैंक में वापस भेजे जा सकें।
* जड़ों को सपोर्ट चाहिएहाइड्रोपेनिक्स तकनीक में आमतौर पर कोको पीट या लीका बाल्स  का इस्तेमाल पौधों की जड़ों को सपोर्ट देने के लिए होता है।
* पोषक तत्वों की जरूरतपरंपरागत तरीके से खेती करने पर जमीन में जैविक पदार्थ डालकर पोषक तत्व बढ़ाए जाते हैं, लेकिन हाइड्रोपेनिक्स के जरिए खेती करने के लिए पानी के अंदर पोषक तत्वों को संतुलित मात्रा में मिलाया जाता है।
* ऑक्सीजन की पूर्ति मिट्टी में जब खेती की जाती है तब पौधे को ऑक्सीजन मिट्टी से ही मिलती है, लेकिन हाइड्रोपेनिक्स तकनीक में पानी से पौधे ऑक्सीजन लेकर बड़े होते हैं। ये ठीक उसी तरह से हैं जैसे घर में बनी मछलीघर में मछलियां, टैंक के अंदर ही पानी से ऑक्सीजन लेती हैं।
* पानी की सीधी सप्लाई मिट्टी में खेती करने पर पौधों को अपनी जड़ों के प्रसार के लिए मिट्टी से ही पानी लेकर बड़ा होना होता है लेकिन हाइड्रोपेनिक्स में इनको पानी की सीधी सप्लाई की जाती है।
हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) खेती की यह तकनीक अब तेजी से लोगों के बीच पोपुलर हो रही हैं। इसमें फसल को परंपरागत के बजाय आधुनिक तरीके से किया जाता है।
* हाइड्रपोनिक तकनीक की मदद से छोटी जगह में ज्यादा सब्जियां उगाई जा सकती हैं।


हाइड्रोपेनिक्स (Hydroponic) खेती के फायदे क्या क्या हैं ? WHAT IS ADVANTAGE OF HYDROPONIC FARMING ?


* इस तकनीक से खेती करने से पोषक तत्व बर्बाद होने के बजाय पूरी तरह से फसल के लिए इस्तेमाल हो जाते हैं।
* इसमें परंपरागत खेती की तुलना में कम पानी की जरूरत पड़ती है।
* पानी का पीएच स्तर इस तकनीक में कन्ट्रॉल किया जाता है। इसलिए पौधे का विकास तेजी से और संतुलित तरीके से होता है। नतीजा, फसल से अधिक ऊपज मिलती है।
* हाइड्रोपेनिक्स तकनीक के कारण खेती के सिस्टम को ऑटोमैटिक तरीके से चलाया जा सकता है।
* परंपरागत खेती की तुलना में इसमें कम जगह में काम हो जाता है।
* हाइड्रोपेनिक्स में उत्पाद की क्वालिटी ज्यादा अच्छी होती है।
* अगर पॉलीहॉउस ( Polyhouse ) या ग्रीन हाउस तकनीक का इस्तेमाल साथ में किया जाता है, तो हाइड्रोपेनिक्स से और भी ज्यादा अच्छे नतीजे मिल सकते हैं।


क्या है हाइड्रपानिक्स तकनीक


हाइड्रपॉनिक्स तकनीक में सब्जियां बिना मिट्टी की मदद से उगाई जातीं हैं।
इससे पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को पानी के सहारे सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है।
पौधे एक मल्टी लेयर फ्रेम के सहारे टिके पाइप में उगते हैं और इनकी जड़े पाइप के अंदर पोषक तत्वों से भरे पानी में छोड़ दी जाती हैं। हाइड्रपानिक्स एक तकनीक है और इसे अलग अलग तरह से इस्तेमाल में लाया जा सकता है। आप इस सिस्टम को अपने स्तर पर भी तैयार कर सकते हैं।
वहीं इस क्षेत्र में काम कर रही कई कंपनियां भी आपको शौकिया गार्डन से लेकर कमर्शियल फार्म तक स्थापित करने में मदद कर सकती हैं।


टेरेस फार्मिंग उभरता ट्रेंड


आजकल टेरेस फार्मिंग उभरता ट्रेंड है जिसे कैश करने का आपको बढ़िया मौका मिल रहा है. इस तकनीक में मिट्टी का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं होता है और पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्व पानी के सहारे सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है. इसे हाइड्रॉपनिक्स तकनीक कहा जाता है. पौधे एक मल्टीलेयर फ्रेम के सहारे पाइप में उगाए जाते हैं और उनकी जड़ें पाइप के अंदर पोषक तत्वों से भरे पानी में छोड़ दी जाती है.

 

मौसम से बचाव जरूरी


मौसम की मार से बचने के लिए नेट सेड या पॉली हाउस की जरूरत होगी. इस तकनीक के जरिए कंट्रोल्ड एनवायरमेंट में खेती होती है. इसलिए अक्सर किसान ऐसी सब्जियों का उत्पादन करते हैं जिसकी मार्केट में कीमत ज्यादा होती है


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How to start Hydroponics by Beginners part 1




How to start Hydroponics by Beginners part 2



How to start Hydroponics by Beginners part 3






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